Indian Navy gets first indigenous aircraft carrier: INS Vikrant 75% indigenous ,भारतीय नौसेना को मिला पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत 75 % स्वदेशी.
– नौसेना को नया ध्वज भी मिला , इससे ब्रिटिश निशान हटा दिया गया
• कोच्चि शिपयार्ड में INS विक्रांत नेवी को सौंपते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी । नौसेना को शुक्रवार को अपना पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत मिल गया । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि शिपयार्ड में करीब डेढ़ घंटे चली कमिशनिंग सेरेमनी में ये एयरक्राफ्ट कैरियर नेवी को सौंपा । Vil ( 46 साथ ही एक और बड़ा बदलाव हुआ । नेवी को नया नौसेना ध्वज सौंपा गया । इसमें से अंग्रेजों की निशानी क्रॉस का लाल निशान हटा दिया गया है । अब इसमें तिरंगा और अशोक चिह्न है , जिसे PM मोदी ने महाराज शिवाजी को समर्पित किया । सबसे पहले विक्रांत की कमिशनिंग की.
• मोदी की 3 सबसे बड़ी बातें .
1. ये सशक्त भारत की शक्तिशाली तस्वीर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा , " ये भारतीयों के लिए गर्व का मौका है । ये भारत की प्रतिभा का उदाहरण है । ये सशक्त भारत की शक्तिशाली तस्वीर है । ये अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है । ये बताता है कि ठान लो तो कुछ भी असंभव नहीं है । हम आज नए सूर्य के उदय के साक्षी बन रहे हैं । इसमें जितनी बिजली पैदा होती है । उससे 5 हजार घरों को रोशन किया जा सकता है । ये दो फुटबॉल ग्राउंड के बराबर है । केबल और वायर कोच्चि से शुरू होकर काशी तक पहुंच सकते हैं । ये जटिलता हमारे इंजीनियर्स की जीवटता का उदाहरण हैं ।
2. नौसेना का नया ध्वज शिवाजी को समर्पित मोदी ने कहा- शिवाजी की समुद्री ताकत से दुश्मन कांपते थे । आज मैं नौ सेना नया ध्वज छत्रपति वीर शिवाजी महाराज को समर्पित करता हूं । ये नया ध्वज नौसेना के बल और आत्मसम्मान को बल देगा । अब तक नौसेना के झंडे पर गुलामी की तस्वीर थी ।
3. INS विक्रांत ने भारत को नए भरोसे से भर दिया मोदी ने कहा- विक्रांत विशाल है , ये खास है , ये गौरवमयी है । ये केवल वारशिप नहीं है । ये 21 वीं सदी के भारत के कठिन परिश्रम , कौशल और कर्मठता का सबूत है । आज भारत उन देशों की सूची में शामिल हो गया है , जो अपनी तकनीक से ऐसे बड़े जहाज बना सकते हैं । आज INS विक्रांत ने भारतीयों को नए भरोसे से भर दिया है ।
● 45 नए नौसेना ध्वज को जानिए इंडियन नेवी को शुक्रवार को नया नौसेना ध्वज यानी निशान मिला । इसमें पहले लाल क्रॉस का निशान होता था । इसे हटा दिया गया है । अब बाईं ओर तिरंगा और दाईं ओर अशोक चक्र का चिह्न है । इसके नीचे लिखा है- शं नो वरुण : यानी वरुण हमारे लिए शुभ हों ।
• पहले नौसेना के झंडे पर लाल क्रॉस का निशान होता था । ये सेंट जॉर्ज क्रॉस था , जो अंग्रेजों के झंडे यूनियन जैक का हिस्सा था । सेंट जॉर्ज क्रॉस ईसाई संत और योद्धा की निशानी थी । TT 2001 में लाल क्रॉस हटाया गया और 2004 में इसे फिर लगा दिया गया । 2001 से 2004 इसमें अशोक चिह्न को रखा गया ।
• 2014 में नीले रंग के अशोक चिह्न के नीचे सत्यमेव जयते लिखा गया । 25 साल बाद INS विक्रांत का पुनर्जन्म 31 जनवरी 1997 को नेवी से INS विक्रांत को रिटायर कर दिया गया था । अब तकरीबन 25 साल बाद एक बार फिर से INS विक्रांत का पुनर्जन्म हो रहा है । 1971 की जंग में INS विक्रांत ने अपने सीहॉक लड़ाकू विमानों से बांग्लादेश के चिटगांव , कॉक्स बाजार और खुलना में दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर दिया था ।
• भारत के लिए क्या बदला युद्धपोत पर 20 फाइटरजेट्स ले जाने की ताकत मिली : भारत के पास अब ऐसा सबसे बड़ा स्वदेशी युद्धपोत है , जो 20 मिग -29 फाइटर जेट्स ले जाने में सक्षम है । इसकी लागत करीब 20 हजार करोड़ रुपए है । 1971 की जंग में INS विक्रांत ने अपने सीहॉक लड़ाकू विमानों से बांग्लादेश के चिटगांव , कॉक्स बाजार और खुलना में दुश्मन के ठिकानों को तबाह किया था । 25 साल पहले इसे रिटायर कर दिया गया था । लेकिन , 1999 की कारगिल जंग के बाद हमें स्वदेशी एयरक्राफ्ट की जरूरत पड़ी । 2009 में इसका निर्माण शुरू हुआ । 500 कंपनियां जुटीं और इसे पूरा कर दिखाया ।
• इतना वजन ढोने वाले जहाज केवल 4 देशों के पास : विक्रांत 40 हजार टन वजन वाला विमान वाहक जहाज है । दुनिया में केवल अमेरिका , रूस , ब्रिटेन और फ्रांस के पास ही 40 हजार और इससे ज्यादा वजन वाले विमान वाहक जहाज का निर्माण करने की क्षमता है । विक्रांत 20 मिग -29 लड़ाकू विमान और दस हेलीकॉप्टरों को ले जाने में सक्षम है । 2017 में आईएनएस विराट के रिटायर होने के बाद भारत के पास केवल एक विमान वाहक जहाज आएनएस विक्रमादित्य है ।